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Sunday, March 31, 2024

स्प्रिंग डेल्स पब्लिक स्कूल का वार्षिकोत्सव: महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा

 रोहिणी राजपूत











*वसुंधरा:* स्प्रिंग डेल्स पब्लिक स्कूल ने 30 मार्च 2023 को अपने 26वें वार्षिकोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया। इस समारोह में नगर निगम के महापौर, राष्ट्रीय कवि एवं पत्रकार और स्कूल के बोर्ड सदस्यों सहित, नारी सशक्तिकरण के कई प्रतिष्ठित अतिथियों को आमंत्रित किया गया। इस समारोह में सभी विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को आमंत्रित किया गया था।
















 समारोह का आयोजन सुबह 11:00 बजे किया गया, जिसमें स्कूल के डायरेक्टर द्वारा प्रारंभिक भाषण दिया गया और विशेष अतिथियों द्वारा दिया प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई। डॉक्टर उदय रस्तोगी ने विद्यालय के उत्थान की कहानी को साझा करते हुए परिश्रम, संघर्ष, और सफलता का महत्व बताते हुए कहते हैं किस तरह विद्यालय को 1998 में शुरु किया, तब केवल 40 विद्यार्थी हुआ करते थे और आज एक हजार से भी ज्यादा छात्र छात्राएं हैं। महिला सशक्तिकरण के महत्व पर भी बल दिया।



















सुनील शर्मा चेयरमैन, प्रदीप शर्मा मैनेजर, स्प्रिंग डेल्स पब्लिक स्कूल ने समारोह में कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों का स्वागत किया, जैसे कि डॉ रिचा सूद, डॉ सुरुचि सैनी, श्रीमती निशि अग्रवाल, डॉ अलका अग्रवाल।

 इस वर्ष के वार्षिकोत्सव का विषय _*‘महिला सशक्तिकरण’*_ रखा गया था, जिस पर निधि रस्तोगी ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से जागरूकता बढ़ाई।















इस वार्षिकोत्सव एक महत्वपूर्ण कदम रहा महिला सशक्तिकरण की दिशा में, जो समाज में समानता और समृद्धि की दिशा में अग्रसर होने में सहायक हो सकता है। कार्यक्रम के पहले भाग में किंडरगार्टन से कक्षा 5 तक के छात्रों ने अपने सुंदर नृत्य और नाटक प्रदर्शन से सभी का मनोरंजन किया। वरिष्ठ छात्रों द्वारा महिला सशक्तिकरण पर नाट्य और नृत्य प्रस्तुत किया। इस मनमोहक प्रदर्शन को देखकर दर्शकों ने खड़े होकर तालियाँ बजाई और बहुत प्रशंसा भी की। इसके तुरंत बाद, स्कूल के छात्रों ने भारत की विवधताओ कि प्रस्तुति दी, हर राज्य के लोकनृत्य को दर्शाते हुए, भरतनाट्यम, गुज़राती, लावणी, राजस्थानी, उत्तराखंडी, भांगड़ा आदि नृत्य प्रस्तुत किया और सभी को थिरकने पर मजबूर कर दिया। गायन मंडली ने सुन्दर मधुर गीतों से दर्शकों एवं गणमान्य व्यक्तियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। माता-पिता मंच पर प्रस्तुति दे रहे अपने बच्चों का हौसला बढ़ाते रहे। छात्रों द्वारा तीन घंटे के शानदार प्रदर्शन के बाद, कार्यक्रम का समापन गणमान्य अतिथियों द्वारा छात्र छात्राओं को पुरुस्कार वितरण और धन्यवाद प्रस्ताव देने और वार्षिक दिवस समारोह में उपस्थित सभी लोगों को हार्दिक बधाई देने के साथ हुआ।






















Monday, March 11, 2024

देश में CAA लागू, केंद्र ने जारी की अधिसूचना, तीन मुल्कों के छह प्रवासी समुदायों को मिलेगी नागरिकता

 

रोहिणी राजपूत











नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नियमों की अधिसूचना आज सोमवार को जारी हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सोमवार को शाम छह बजे सीएए के नियमों को लेकर अधिसूचना जारी की गई है। लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नियमों की अधिसूचना जारी होना केंद्र सरकार का बड़ा फैसला है।


*नागरिकता संशोधन कानून क्या है?*

सबसे पहले यह स्‍पष्‍ट कर दिया जाए कि यह कानून भारत के किसी नागरिक को उसकी नागरिकता से वंचित नहीं करता है और न ही यह किसी को नागरिकता देता है। यह कानून किसी भारतीय के लिए है ही नहीं।















*सीएए कानून कब पारित हुआ ?*

सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। यह कानून अब तक लागू नहीं हो सका है क्योंकि इसके कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित किया जाना है।


*CAA के अनुसार किसे मिलेगी भारतीय राष्ट्रीयता?*

सीएए नियम जारी होने के बाद जो लोग बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे केवल उन्हें ही केंद्र सरकार द्वारा भारतीय राष्ट्रीयता दी जाएगी।
















*CAA में कौन से धर्म शामिल हैं?*

CAA में छह गैर-मुस्लिम समुदायों हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी शामिल हैं। इन्हें केवल भारतीय नागरिकता तब ही मिल सकती है, जब इन्होंने 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में शरण ली हो।


*क्या ये कानून मुस्लिमों के खिलाफ है?*

भारत सरकार का कहना है कि ये कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है। जो भी भारत में है अत्याचार के चलते आया है, उसे वापस उसी जगह भेजा जाएगा। इसका मतलब ये नहीं माना जाना चाहिए कि वो कभी यहां नागरिकता के योग्य होंगे। वो लोग जिनके अत्याचार स्थायी हैं, उन्हें सुरक्षा दी जाएगी। हमारी नीति गैर समावेश की जारी रहेगी। अगर चीजें अगले 50 सालों में शरणार्थियों के लिए बेहतर नहीं होती तो हमें अतिरिक्त तदर्थ संविधान के कानून की तरह उनकी सुरक्षा को बढ़ाने की जरूरत होगी। लेकिन फिलहाल ये इस सरकार की नीति नहीं है।



















वीर सावरकर की वीरगाथाः काले पानी की सजा से लेकर स्वतंत्रता के संघर्ष तक

 संवाददाता - रोहिणी राजपूत वीर सावरकर, जिनका पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर था, भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, लेखक, और समाज सुधारक थे। उनका...