संवाददाता - रोहिणी राजपूत
हमारे घरों या किसी भी इमारत की नींव सदैव चार स्तंभों पर खड़ी रहती हैं। लेकिन हम कहें कि भारत में भी ऐसा ही गुप्त मंदिर है जो पिछले 5 हज़ार वर्षों से केवल एक स्तंभ पर ही टिका हुआ है, तो शायद यकीन करना मुश्किल होगा।
कलयुग के अंत के प्रतीक को जानते हुए बात करते हैं एक ऐसे मंदिर की जिसके बारे में यदि आप परिचित हो तो उसकी विशेषताएं नहीं जानते होंगे। यह मंदिर महाराष्ट्र के अहमदनगर में स्थित है। यह मंदिर हरिश्चंद्रगड़ के अहमदनगर जिले से 4,670 फीट की ऊंचाई पर है।
केदारेश्वर मंदिर आज के मंदिरों से कुछ अलग प्रतीत होता है। यह मंदिर एक पहाड़ के नीचे गुफा में बना हुआ है, और इस मंदिर की खासियत यह है कि उस पहाड़ के नीचे बनी गुफा एक खंभे पर खड़ी हैं। माना जाता है, यहां साल भर पानी भरा रहता है। अचरज की बात यह है कि यह पानी गर्मियों में ठंडा और सर्दियों में गर्म रहता है। बारिश के दिनों में ज्यादा पानी भर जाने पर शिवलिंग खुद से ऊपर उठ जाता है। इस मंदिर के शिवलिंग की ऊंचाई 5 फिट है।
क्या है इस मंदिर का कलयुग के अंत से लेना ?
यह मंदिर छठवीं सेंचुरी (centuary) का बना हुआ है जो की चार स्तंभों पर टिका था। मान्यता यह है कि यह स्तंभ चार युगों को दर्शाता हैं। पहला स्तंभ सतयुग को, दूसरा स्तम्भ त्रेतायुग और तीसरा स्तंभ द्वापरयुग को दर्शाता है जो अब टूट चूके है। चौथा स्तम्भ जो कि आखरी है और मंदिर अभी उसी एक स्तंभ पर टिका है, कहा जाता है कि यह स्तम्भ कलयुग को दर्शाता है और जिस दिन आखरी स्तंभ टूट जाएगा उस दिन कलयुग का अंत हो जाएगा।
Disclamer : यह सूचना इंटरनेट पर उपलब्ध मान्यता, सूचनाओं और हमारे व्यक्तिगत स्तर जाच पर आधारित है।
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2 comments:
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