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Monday, October 23, 2023
बुराई पर अच्छाई की जीत और असत्य पर सत्य की जीत का उत्सव विजय दशमी: दशहरा
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाने वाला विजयदशमी का त्योहार हर साल बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। वहीं इसके अलावा यह भी माना जाता है कि विजयादशमी के दिन मां दुर्गा ने 9 दिनों के युद्ध के बाद महिषासुर का वध किया और इस तरह अच्छाई की जीत हुई।
विजयादशमी कृतज्ञता का दिन है। इस दिन हमने जीवन में जो भी कुछ प्राप्त किया है, उसके लिए हम कृतज्ञ होते हैं।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि दशहरा के दिन शस्त्र पूजन करने की परंपरा सदियों पुरानी है। आश्विन शुक्ल पक्ष दशमी को शस्त्र का पूजन किया जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के पूजन के बाद दशहरे का त्योहार मनाया जाता है। विजयदशमी पर मां दुर्गा का पूजन किया जाता है। मां दुर्गा शक्ति का प्रतीक हैं। भारत की रियासतों में शस्त्र पूजन धूम-धाम से मनाया जाता था। अब रियासतें तो नही रहीं लेकिन परंपराएं शाश्वत हैं, यही कारण है कि इस दिन आत्मरक्षार्थ रखे जाने वाले शस्त्रों की भी पूजा की जाती है। हथियारों की साफ-सफाई की जाती है और उनका पूजन होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए जाने वाले कामों का शुभ फल अवश्य प्राप्त होता है। यह भी कहा जाता है कि शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए इस दिन शस्त्र पूजा करनी चाहिए।
शस्त्र पूजा क्या है ?
शस्त्र पूजा का महत्व:
आयुध पूजा का पर्व कैसे मनाते हैं
शस्त्र पूजा का इतिहास:
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