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Monday, November 27, 2023

चीन में फैली रहस्यमयी बीमारी, WHO का अलर्ट, भारत की तैयारी को लेकर बोले स्वास्थ्य मंत्री

  संवाददाता - रोहिणी राजपूत












चीन इन दिनों तेजी से बढ़ती श्वसन संबंधी बीमारी की चपेट में है। इस रहस्यमयी बीमारी ने बच्चों को सबसे पहले चपेट में लिया है, जिससे हड़कंप मच गया। कोरोना महामारी भी चीन से फैली, जिस कारण पूरी दुनिया इस बार फिर से अलर्ट मोड में है।

यह बीमारी माइकोप्लाज्मा निमोनियाऔर इन्फ्लूएंजा फ्लू हैं।


*आखिर क्या है ये बीमारी ….?*

माइकोप्लाज्मा निमोनिया जिसे मिस्टीरियस निमोनिया कहा जा रहा है ये एक प्रकार के बैक्टीरिया के कारण होने वाली समस्या है जो मुख्यरूप से बच्चों को अपना शिकार बनाती है। इसके कारण सूखी खांसी, बुखार और शारीरिक मेहनत करने पर सांस की तकलीफ हो सकती है। माइकोप्लाज्मा निमोनिया के बैक्टीरिया सभी मानव रोगजनकों में से सबसे अधिक प्रचलित हैं।














माइकोप्लाज्मा निमोनिया स्कूल, कॉलेज परिसर और नर्सिंग होम जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाकों में खांसने-छींकने से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स के संपर्क से तेजी से फैलता है। पांच साल से कम आयु के बच्चों, बुजुर्गों, कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों, फेफड़ों की बीमारी के शिकार, सिकल सेल एनीमिया वाले लोगों में इसका खतरा अधिक देखा जाता रहा है।
















*भारत की तैयारियों को लेकर बोले, स्वास्थ्य मंत्री*


चीन में विशेषकर बच्चों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा, सरकार स्थिति पर नजर रख रही है और बचाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे है।
वैश्विक चिंता का कारण बने इस प्रकोप के बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, आईसीएमआर और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक चीन में निमोनिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत को इस तरह के जोखिमों से कैसे बचाया जा सकता है, इसपर गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं।































Wednesday, November 15, 2023

भारत की शानदार जीत; विराट ने लगाया शतकों का अर्धशतक, शमी ने रचा इतिहास।

 

      रोहिणी राजपूत 

















ICC वनडे विश्व कप में विजय रथ पर सवार भारतीय टीम सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को 70 रनों से हराकर फाइनल्स में अपनी जगह पक्की की। दोनों टीमें चार साल बाद एक बार फिर से सेमीफाइनल में आमने-सामने थीं। पिछली बार 2019 में कीवी टीम ने करोड़ों भारतीयों का सपना तोड़ दिया था और फाइनल में जगह बनाई थी। इस बार भारत ने न्यूजीलैंड को हराकर पिछली हार का बदला लिया। टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड को 398 रनों का लक्ष्य दिया, इसके जवाब में न्यूजीलैंड ने सिर्फ 327 रन बनाए। 













विराट कोहली ने शतकों का अर्द्धशतक लगाकर इतिहास रच दिया। उन्होंने वनडे करियर का 50वां शतक लगाया। इस मामले में विराट ने महान सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ दिया।सचिन ने 452 वनडे पारियों में 49 शतक लगाए थे। वहीं, कोहली ने 279वीं पारी में 50 शतक लगा दिए हैं। कोहली ने 113 गेंद में 117 रन की पारी खेली। अपनी पारी में उन्होंने नौ चौके और दो छक्के लगाए। वहीं दूसरी ओर श्रेयस अय्यर ने 70 गेंद पर 105 रन बनाए। कोहली और अय्यर, दोनों ने 128 गेंद पर 163 रन जोड़े. इससे पहले कप्तान रोहित शर्मा ने 29 गेंद पर 47 रन की तूफानी पारी खेल कर भारत को तेज शुरुआत दिलाई, जबकि बीच में रिटायर्ड हर्ट होने वाले शुभमन गिल ने अंतिम ओवर में वापसी की और कुल 66 गेंद पर नाबाद 80 रन की पारी खेली। केएल राहुल 20 गेंद पर 39 रन बना कर नाबाद रहे। पिछले मैच में शतक जड़ने वाले अय्यर ने अपनी उसी लय को बरकरार रखा और अपने घरेलू मैदान वानखेड़े में छक्कों की बौछार करके दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। उन्होंने साउदी पर छक्का लगाने के बाद अगली गेंद पर एक रन लेकर 67 गेंद पर अपना शतक पूरा किया। यह विश्व कप के नॉकआउट चरण में सबसे तेज शतक है। अय्यर इसके बाद बोल्ट की गेंद पर लॉन्ग ऑफ पर कैच देकर पवेलियन लौटे, जिससे भारत 400 रन के पार नहीं पहुंच पाया। अय्यर ने अपनी पारी में चार चौके और आठ छक्के लगाए।












 *शमी का जलवा* 


भारतीय गेंदबाजी की आज पहली ऐसी परीक्षा हुई है जहां बल्लेबाज उनके ऊपर हावी दिखे। मोहम्मद शमी को छोड़कर सभी की पिटाई हुई। मिडिल ओवर्स में स्पिनर्स भी विकेट लेने में नाकामयाब रहे। मानो शमी किसी और गेंद से गेंदबाजी कर रहे थे और बाकी गेंदबाज अलग। शमी ने 9.5 ओवर में 57 रन देकर 7 विकेट लिए। वह आशीष नेहरा के बाद विश्व कप में 6 विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय बने। शमी के अलावा कुलदीप यादव को एक ही विकेट मिला, लेकिन उन्होंने 10 ओवर में सिर्फ 56 रन देकर कीवी बल्लेबाजों की रफ्तार को रोक कर रखा। इसके अलावा जसप्रीत बुमराह ने भी स्लॉग ओवर्स में रन रोके और ग्लेन फिलिप्स के रूप में एक विकेट भी लिया।











##ICC नॉकआउट में पहली बार न्यूजीलैंड से जीता भारत

भारतीय टीम पहली बार आईसीसी नॉकआउट में न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत दर्ज कर पाई है। इससे पहले तीन मौकों पर भारत को हार ही मिली थी। 2000 चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल, 2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल और 2021 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड ने भारत को हराया था। अब भारतीय टीम ने इन तीनों हार का बदला लिया और न्यूजीलैंड को हराकर चौथी बार वर्ल्ड कप फाइनल में जगह बनाई है। इससे पहले भारत 1983, 2003 और 2011 में फाइनल खेला है। जिसमें से 1983 और 2011 में टीम दो बार विश्व विजेता भी बनी थी। अब 19 नवंबर को भारत का फाइनल में साउथ अफ्रीका या ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले सेमीफाइनल की विजेता टीम से मैच होगा। यह मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा।































Saturday, November 11, 2023

रामनगरी अयोध्या दीपोत्सव के लिए सज कर तैयार, 24 लाख दियों से बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड


   रोहिणी राजपूत 












 रामलला के अस्थाई मंदिर का आखिरी दीपोत्सव बेहद खास होने वाला है। बता दें कि सूत्रों के मुताबिक 22 जनवरी, 2024 को रामलला अपने भव्य मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे। रामनगरी अयोध्या में तीन दिवसीय दीपोत्सव कार्यक्रम गुरुवार से शुभारंभ हो चुका है। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले इस बार के दीपोत्सव को बेहद भव्य तरीके से मनाने की तैयारी जोरों–शोरों से की गई है। प्रभु राम की नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया है।












 

दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए राम की पैड़ी के 51 घाटों पर 24 लाख दिये जलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा। इसी दौरान देश-विदेश के कलाकार अपनी प्रस्तुति से लोक संस्कृति का प्रदर्शन करते नजर आएंगे। अहम बात है की लंका विजय के बाद अयोध्या लौटने पर जिस प्रकार त्रेतायुग में श्रीराम के आगमन पर भव्य स्वागत हुआ था, उसी प्रकार इस वर्ष भी ऐसी तैयारियां की गई हैं। 11 नवंबर (शनिवार) यानी कि आज शाम भगवान राम पुष्पक विमान रूपी हेलीकॉप्टर से वनवासी के वेशभूषा में माता सीता व लक्ष्मण के साथ राम कथा पार्क में उतरेंगे। यहां गुरु वशिष्ठ के रूप में सीएम योगी आदित्यनाथ व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उनकी अगवानी करेंगे। इसी बीच हेलीकॉप्टर से पूरी अयोध्या में पुष्प वर्षा होगी जो,अपने आप में अद्भुत दृश्य होगा।












 देश के विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। गुजरात का गरबा, केरल का कथकली, राजस्थान का कालबेलिया नृत्य आकर्षण का केंद्र होगा। दीपोत्सव में भारत के कई प्रांतों की भाषा व संस्कृति का भी अद्भुत संगम दिखेगा। एक तरफ जहां अयोध्या की 12 रामलीलाओं के कलाकारों को मंच मिलेगा, तो वहीं आजमगढ़ के मुन्नालाल व उनकी टीम धोबिया नृत्य, बुंदेलखंड का राई–नृत्य व राम–हनुमान सेना की झांकी भी आकर्षण बढ़ाकर चार चांद लगाएगी। अपने नृत्यों एवं झांकियां से कलाकार भगवान राम के श्री चरणों में अपनी हाजिरी लगाएंगे।


















Wednesday, November 1, 2023

मां की महिमा: देवभूमि की मां झूला देवी, जहां शेर करता हैं रखवाली

 संवाददाता - रोहिणी राजपूत












उत्तराखंड अपने आप में कई रहस्यों को समेटे हुए है। इसलिए इस धरती को देवताओं की भूमि, "देवभूमि" भी कहा जाता है। आज हम आपकों देवभूमि के बारे में एक ऐसे मंदिर से अवगत कराते हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां मंदिर की रखवाली मां की सवारी, शेर करता है। सुनने में आश्चर्यजनक हैं परंतु यह सत्य घटना पर आधारित हैं।



अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में झूला देवी मंदिर स्थित है। यह कहा जाता है कि मंदिर लगभग 700 वर्ष पुराना है । चैबटिया क्षेत्र जंगली जानवर से भरा घना जंगल था । “तेंदुओं और बाघ” आसपास के लोगों पर हमला करते थे और उनके पालतू पशुओं को ले जाते थे । लोगों को “तेंदुओं और बाघ” से डर लगा रहता था और खतरनाक जंगली जानवर से सुरक्षा के लिए आसपास के लोग ‘माता दुर्गा’ से प्रार्थना करते थे । ऐसा कहा जाता है कि ‘देवी’ ने एक दिन चरवाहा को सपने में दर्शन दिए और चरवाहा से कहा कि वह एक विशेष स्थान खोदे, क्यूंकि देवी उस स्थान पर अपने लिए एक मंदिर बनवाना चाहती थी। जैसे ही चरवाहा ने गड्ढा खोदा तो चरवाहा को उस गड्ढे में देवी की मूर्ति मिली। इसके बाद ग्रामीणों ने उस जगह पर एक मंदिर का निर्माण किया और देवी की मूर्ति को स्थापित किया और इस तरह ग्रामीणों को जंगल जानवरों द्वारा उत्पीड़न से मुक्त कर दिया गया। मंदिर की स्थापना के कारण चरवाहा अपने पशुओ को घास चरहने के लिए निश्चित होकर वहां छोड़ जाते थे। मंदिर परिसर के चारों ओर लटकी हुई अनगिनत घंटियां ‘मां झुला देवी’ की दिव्य व दुःख खत्म करने वाली शक्तियों को दर्शाती है । मंदिर में विराजित झूला देवी के बारे में यह माना जाता है कि झूला देवी अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा करती हैं और इच्छाओं को पूरा करने के बाद भक्त यहाँ तांबे की घंटी भेट स्वरुप चढाने आते हैं।














झूला देवी मंदिर को "माँ झुला देवी मंदिर" और "घंटियों वाला मंदिर" के रूप में भी जाना जाता है रानीखेत का प्रमुख आकर्षण है यह ‘घंटियों वाला मंदिर’। मां दुर्गा के इस छोटे-से शांत मंदिर में श्रद्घालु मन्नत पूरी होने पर छोटी-बड़ी घंटियां चढ़ाते हैं। यहां बंधी हजारों घंटियां देख कर कोई भी अभिभूत हो सकता है।
रानीखेत में स्थित मां दुर्गा के इस मंदिर की रखवाली बाघ करते हैं, लेकिन वह स्थानीय लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। नवरात्र पर मां के इस मंदिर में भक्तों का सिलसिला लग जाता है।


















 मंदिर की स्थापना के बाद पिलखोली गांव के लोग अक्सर अपने जानवरों को चराने के लिए इस स्थान पर आते थे. बताया जाता है कि सावन के महीने में सभी बच्चे मां के प्रांगण में झूला डालकर झूला झूलते थे। मां के झूला झूलने के बारे में एक और कथा प्रचलित है। माना जाता है कि एक बार श्रावण मास में माता ने किसी व्यक्ति को स्वप्न में दर्शन देकर झूला झूलने की इच्छा जताई। ग्रामीणों ने मां के लिए एक झूला तैयार कर उसमें प्रतिमा स्थापित कर दी।तब से लेकर आज तक, देवी मां झूले पर विराजमान हैं और तब से ही मां को झूला देवी के नाम से जाना जाता है। उसी दिन से यहां देवी मां “झूला देवी” के नाम से पूजी जाने लगी।




























वीर सावरकर की वीरगाथाः काले पानी की सजा से लेकर स्वतंत्रता के संघर्ष तक

 संवाददाता - रोहिणी राजपूत वीर सावरकर, जिनका पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर था, भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, लेखक, और समाज सुधारक थे। उनका...