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Monday, December 18, 2023

स्व' के आत्मबोध से ही भारत बनेगा विश्व गुरु

 

संवाददाता - रोहिणी राजपूत











ग्रेटर नोएडा

 'स्व' के आत्मबोध से ही भारत विश्व गुरु बनेगा, क्योंकि भारत का 'स्व' ही विश्व कल्याण का मार्ग हैं। 'स्व' का आत्मबोध नहीं होने के कारण ही भारत को आक्रांताओं और अंग्रेजों ने आपस में लड़ाया और विभाजन कर भारत पर वर्षों तक शासन किया। यह विचार प्रेरणा विमर्श-2023 के तीसरे दिन आयोजन के समापन समारोह में प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक श्री जे नंद कुमार ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज का युग सोशल मीडिया का युग है, जहां सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के विचार हैं। ऐसे में हमें ध्यान देना होगा कि कहीं हम फेक न्यूज के शिकार ना हो जाएं। हमे सोशल मीडिया पर कोई भी बात लिखने से पहले यह जांच कर लेनी चाहिए कि वह सही है या गलत। सोशल मीडिया पर सनातन धर्म का पक्ष-प्रतिपक्ष की स्थिति विषय पर अपना विचार प्रकट करते हुए नमो एप के टेक्नोक्रेट अनित्य श्रीवास्तव ने कहा कि आज के समय सोशल मीडिया एक अच्छा स्थान है जहां हम अपने धर्म के बारे में लिख सकते हैं। लेकिन हम सोशल मीडिया में क्या बोल रहे हैं, क्यों बोल रहे हैं और किससे बोल रहे हैं इस पर ध्यान देना होगा।












 जब तक हमे अपने स्व का बोध नहीं होगा तब तक हम देश हित में सोशल मीडिया का सही से उपयोग नहीं कर पाएंगे। स्व का बोध होने के लिए हमें अपने धार्मिक ग्रंथ और पुस्तकों को पढ़ना होगा। सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर अपूर्वा सिंह ने कहा कि हमें सोशल मीडिया का उपयोग लोगों को जोड़ने के लिए करना चाहिए और अपने सांस्कृतिक नैतिक मूल्यों के विकास के लिए उपयोग करें, यही सोशल मीडिया की सफलता है।


भारत का 'स्व' वैश्विक चेतना का प्रतीक है। जान में जब जीवन मूल्यों का संस्कार जुड़ता है तो वह विद्या बन जाती है। वहीं अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. ओम प्रकाश पांडेय ने कहा कि ज्ञान, विज्ञान के ऊपर प्रज्ञा है। जो अनुभूति जन्य है, उसी से स्व का आत्मबोध होगा। सत्र के अंतिम वक्ता वरिष्ठ पत्रकार रवि शंकर ने कहा कि आत्मबोध को भारतीय संदर्भ में वेदो उपनिषदों को आधार बनाकर समझना चाहिए। वहीं वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि जो चाहते थे कि भारत के किसान गरीब ही रहे उन्हीं लोगों ने एक एजेंडे के तहत कृषि कानून के खिलाफ माहौल बनाया। इस सत्र के अंतिम वक्ता वरिष्ठ पत्रकार हरीश वर्णवाल ने उदाहरण के माध्यम से एजेंडा सेटिंग पर प्रकाश डाला।
















प्रेरणा विमर्श-2023 दद्वारा आयोजित प्रेरणा चित्र भारती का लीन दिवसीय फिल्मोत्सव सत्र सम्पन्न हुआ। जिसमें देश के अलग-अलग क्षेत्रों से आए 200 से अधिक फिल्मों की स्क्रीनिंग के बाद चयनित फिल्मों के विजेताओं के नाम की घोषणा हुई। चयन समिति ने रचनात्मक डॉक्यूमेंट्री निर्माण प्रतियोगिता में दून फिल्म स्कूल देहरादून के छाव मुकेश कुमार को प्रथम पुरस्कार वहीं हिमालया विश्वविद्यालय के छात्र अनुराग वर्मा को द्वितीय एवं तिलक स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के छात्र लव कुमार को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लघु फिल्म निर्माण प्रतियोगिता में क्वांटम विश्वविद्यालय के छात्र देवास कनल को प्रथम, हिमालया विश्ववि‌द्यालय के छात्र निशांत तंवर को द्वितीय एवं ललित कला अकादमी के छात्र हरिओम को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रेरणा चित्र भारती फिल्मोत्सव एवं रचनात्मक डॉक्यूमेंट्री निर्माण प्रतियोगिता में प्रेरणा सिंह, निर्भय कुमार, छाया सिंह, शिप्रा कुशवाहा, आकांक्षा त्रिपाठी, एवं मौहम्मद हमजा को विशेष पुरस्कार मिला। इस दौरान प्रसिदध फिल्म निर्देशक चितरंजन त्रिपाठी एवं डॉ. ओम प्रकाश सिंह के साथ नवोदित फिल्मकारों के साथ फिल्म निर्देशन और अभिनय के बारे में विस्तार से चर्चा हुई तथा भरतमुनि के भरतनाट्य शास्त्र को पढ़ने की सलाह दी गयी। मीडिया शिक्षक एवं छात्र विमर्श तथा नेशनल कांफ्रेंस के दौरान भारतीय जनसंचार संस्थान के प्रोफेसर डॉ. प्रमोद सैनी ने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम अपने 'स्व' को भूल गए है हमारा दायित्व है कि भारत के 'स्व' को जगाने के लिए मीडिया के माध्यम से जामवंत की भूमिका का निर्वहन करें। सत्र के दूसरे वक्ता चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के प्रो. संजीव शर्मा ने कहा कि अगर भारत को जानना है तो, भारत को पढ़ने की जरूरत है।
















 इसके लिए भारत के साहित्यकारों, महापुरुषों, भूगोल और भारत से जुड़ी हुई हर बात को जानिए और उसे जनमानस के समक्ष रखिए। हम विश्व के बारे में बहुत कुछ जानते हैं परंतु अपने स्वयं के देश के बारे मैं नहीं। दूसरे सत्र के दौरान हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. बृजकिशोर कुठियाला ने कहा कि मानव जीवन में संवाद का अत्यंत महत्व है। प्राचीन काल में हमारे ऋषि मुनि वर्षों की तपस्या से जो ज्ञान अर्जित करते थे उसे कुंभ आदि मेली में द‌द्वितीय स्तर के तपस्वियों को प्रदान करते थे तथा वे द‌द्वितीय स्तर के तपस्वी समाज में तृतीय स्तर के तपस्वियों को वह सूचना देते थे और इस प्रकार से उनके माध्यम से वह सूचना जनमानस तक पहुंचती थी। भारतीय संवाद कला इसी शास्त्र का अंग है। हमें संवाद शास्त्री बनकर सकारात्मक संवाद स्थापित करना चाहिए। वर्तमान तकनीकी ने हमें एक संदेश को विभिन्न माध्यम से जनमानस के समक्ष रखने की क्षमता प्रदान कर दी है। मीडिया शिक्षक एवं अत्र विमर्श के अंतर्गत नेशनल कांफ्रेंस और पत्रकार प्रतिभा खोज परीक्षा का भी आयोजन हुआ। इस अवसर पर प्रोफेसर ब्रजकिशोर कुठियाला की पुस्तक विचार प्रवाह' का विमोचन हुआ। और शोधार्थियों द्वारा शोध पत्र भी प्रस्तुत हुए।















गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा में चल रहे प्रेरणा विमर्श-2023 के तीसरे दिन चार आयामों के दो सत्रों के साथ समापन समारोह मे वरिष्ठ पत्रकार रुबिका लियाकत की प्रेरणा सम्मान 2023 में सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान मुझे देश विरोधियों से लड़ने का ताकत देता है। समापन सत्र के दौरान दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों से आए पत्रकार, लेखक, मीडिया शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। विभिन्न जिम में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रचार प्रमुख श्री कृपाशंकर जी, राज्य सभा सांसद श्रीमती कांता कर्दम, गौतम बुद्ध विश्ववि‌द्यालय बेटर नोएडा के कुलपति श्री. रवीन्द्र कुमार सिन्हा जी, रजिस्ट्रार डॉ. विश्वास त्रिपाठी, श्री सूर्य प्रकाश टॉक (संघचालक परिश्धमी आर प्रदेश) प्रेरणा मीडिया विमर्ग-2023 आध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र तनेजा, श्री सुरेन्द्र सिंह (प्रांत प्रचार प्रमुख मेरठ) श्री प्रीतम जी (समन्वयक, सह प्रचार प्रमुख, मेरठ प्रान्त), विभाग प्रचारक कृष्णा जी, प्रेरणा विमर्श के संयोजक प्रोफेसर विशेष गुप्ता, डॉ. प्रियंका सिंह, श्री रवि श्रीवास्तव, विजेन्द्र कुमार, धीरेन्द्र सेभवात्र, डॉ. नीना सिंह, श्री अनित त्यागी जी, श्रीमती सुरभि भदौरिया, श्री मनमोहन सिसोदिया. श्रीमति अनिता जोशी, डॉ. वंदना पां सहित मेरठ प्रांत के अलग-अलग विभागी से आए गणमान्य लोग उपस्थित रहे। वहीं आज के समापन समारोह का संचालन मोनिका चौहान जी ने किया।
















































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