संवाददाता - रोहिणी राजपूत
अक्सर आपने परीक्षाओं और प्रतियोगी परिक्षाओं में नकल, पेपर लीक जैसे गलत कामों के बारे में सुना होगा। इनसे न सिर्फ नतीजे देरी से आते थे, बल्कि कई बार परीक्षाएं ही रद्द हो जाती थी। लेकिन अब इन सब गलत कामों पर लगाम लगने वाली है। दरअसल, सरकारी भर्ती और प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक और फर्जी वेबसाइट जैसी अनियमितताओं के खिलाफ तीन साल से 10 साल तक की जेल और न्यूनतम एक करोड़ रुपये के जुर्माने के प्रावधान वाले लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024' को मंगलवार को लोकसभा ने पारित कर दिया है।
पेपर लीक क्या है?
कुछ लोगों के लिए पेपर लीक होना बहुत साधारण बात हो सकती है, वो सोच सकते हैं कि एक परीक्षा है कुछ बच्चे पेपर दे रहे थे और किसी ने उसे लीक कर दिया लेकिन ऐसा नहीं है। पेपर लीक वो दीमक है जो पूरी युवा पीढ़ी को खोखला बना देता है, पेपर लीक करके गलत लोगों का चयन कराया जाता है, कुछ ऐसे लोग अफसर बनते हैं, डॉक्टर बनते हैं, इंजीनियर जो योग्य नहीं है, इसे आप योग्यता घोटाला भी कह सकते हैं। अयोग्य व्यक्ति पैसे खर्च करके पेपर लीक के जरिए बिना पढ़े उस जगह पर पहुंच जाता है, जिसके योग्य वो है ही नहीं।
अगर कोई अयोग्य व्यक्ति पेपर लीक की मदद से डॉक्टर बन जाएगा तो क्या ऑपरेशन करेगा, कोई अयोग्य व्यक्ति इंजीनियर बन जाएगा तो वो किस तरह के पुल बनाएगा, कैसी इमारतें बनाएगा। तो पेपर लीक कोई छोटा-मोटा अपराध नहीं है बल्कि ये पूरी की पूरी पीढ़ी को बर्बाद करने की इंडस्ट्री है। जिसमें हर साल करोड़ों रुपए, दांव पर लगते हैं और कुछ लोग देश की इस बर्बादी के बदले तिजोरियां भरते हैं।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ये विधेयक लोकसभा में पेश किया। उन्होंने कहा, 'अभी केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियों के पास परीक्षाओं में पेपर लीक या नकल जैसे अपराधों से निपटने के लिए कोई ठोस कानून नहीं है। इसलिए यह जरूरी है कि परीक्षा प्रणाली की कमजोरियों का फायदा उठाने वालों की पहचान की जाए और उनसे सख्ती से निपटा जाए।'