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Friday, September 22, 2023

ऐतिहासिक महिला आरक्षण बिल दोनो सदनों में पास, राष्ट्रपति की मोहर के बाद बनेगा कानून

संवाददाता - रोहिणी राजपूत












लोकसभा से पारित होने के बाद आखिरकार गुरुवार को राज्यसभा में भी महिला आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पारित हो गया। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में इसकी घोषणा की। बिल के समर्थन में 214 वोट डाले गए, जबकि विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा।


नारी शक्ति वंदन विधयेक (महिला आरक्षण बिल) बुधवार को लंबी चर्चा के साथ देर रात लोकसभा में पारित हो गया था। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पर्ची से वोटिंग करवाई। बिल के समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट आए। नई संसद में मोदी जी के नेतृत्व में बुलाए गए संसद के पांच दिनों के विशेष सत्र में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बिल को सदन में पेश किया था। महिला आरक्षण बिल के मुताबिक, लोकसभा में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा, लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होगी। ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा।
















#राहुल गांधी- OBC कोटा बिना ये बिल अधूरा

महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में हुई बहस में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हिस्सा लिया। राहुल गांधी का कहना इस दौरान ओबीसी को भी इस बिल मे शामिल करने की मांग की। "मेरे विचार से यह विधयेक आज ही लागू किया जा सकता है, लेकिन इसे आगे बढ़ने के मकसद से तैयार नहीं किया गया हैं", राहुल गांधी ने कहा ।



#वसुंधरा राजे बोली - गौरवशाली दिवस

राजस्थान की पूर्व सीएम और भाजपा नेता वसुंधरा राजे ने 'महिला आरक्षण बिल पास होने पर खुशी व्यक्त की, उन्होंने कहा एक लंबे इंतजार के बाद 'महिला आरक्षण विधेयक' (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को संसद में मंजूरी मिल गई। इसलिए आज का दिन महिला जगत के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवशाली दिन है। इस बिल के माध्यम से मोदी जी ने स्पष्ट कर दिया और साबित कर दिया है कि मातृशक्ति संपूर्ण राष्ट्र की ताकत है।


# तीन दशक से अटका महिला आरक्षण बिल

पहली बार 12 सितंबर 1996 को एचडी देवगौड़ा की सरकार ने महिला आरक्षण बिल पेश किया था। इसके बाद 2010 में मनमोहन सरकार ने राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण बिल को बहुमत से पारित कर लिया था, लेकिन तब सपा और आरजेडी ने महिला आरक्षण बिल का विरोध किया।













जानकारों का कहना है की महिला आरक्षण बिल का सफ़र अभी काफी लंबा है। जनगणना और परमीसन के बाद महिला आरक्षण बिल विधयेक साल 2029 के लोकसभा चुनाव तक ही लागू हो सकेगा।













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