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Wednesday, October 4, 2023

जाति जनगणना से विपक्षी गठबंधन को मिली आसान राह, कांग्रेस का नया प्लान

 

 संवाददाता - रोहिणी राजपूत 


















बिहार में जाति आधारित जनगणना ने राजनीतिक दायरे में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाया है। सोमवार को, नीतीश सरकार ने इस जनगणना की रिपोर्ट जारी की, जिसमें उन्होंने जिस जाति की जनगणना कराई थी, उसकी विवरण प्रस्तुत की गई है। यह जानकारी देश की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकती है। इस जनगणना के परिणामों का विशेष महत्व है, क्योंकि ये जानकारी राजनीतिक दलों के लिए आमजन की पसंदीदा जातियों और उनकी मांगों का आकलन करने में मदद करेगी। यह भी देखा जाएगा कि इसके क्या प्रासंगिकता और प्रभाव होंगे देश की राष्ट्रीय राजनीति पर। 


राज्य की 14.26 फीसदी आबादी सिर्फ यादव जाति की
प्रदेश में सिर्फ तीन जातियां ऐसी जिनकी आबादी पांच फीसदी से ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में सबसे ज्यादा आबादी वाली जाति यादव समुदाय की है। इस समाज की कुल आबादी 1,86,50,119 है। कुल जनसंख्या में इनकी हिस्सेदारी 14.26% है। रिपोर्ट में यादव जाति में ग्वाला, अहीर, गोरा, घासी, मेहर, सदगोप, लक्ष्मी नारायण गोला को रखा गया है।




इसके बाद दूसरी सबसे ज्यादा संख्या वाली जाति है जो दलित पासवान समुदाय से जुड़ी है। इनकी कुल आबादी 69,43,000 है। कुल जनसंख्या में इनकी हिस्सेदारी करीब 5.31% है। सरकार ने दुधास जाति में दुसाध, धारी, धरही का जिक्र किया है।
पांच फीसदी से ज्यादा आबादी वाली जातियों में तीसरी जाति चर्मरकार जाति की है। राज्य में इस समुदाय के कुल 68,69,664 लोग रहते हैं। जो राज्य की कुल जनसंख्या का करीब 5.25 फीसदी है। सर्वे में इस समुदाया में चमार, मोची, चमार - रबिदास, चमार - रविदास, चमार - रोहिदास, चर्मरकार का जिक्र किया गया है।












*जाति जनगणना इंडिया गठबंधन का अहम चुनावी मुद्दा*


वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में ओबीसी मतदाताओं के बड़े तबके ने भाजपा का समर्थन किया था । सीएसडीएस रिपोर्ट के मुताबिक बस 2019 में रसूख वाली ओबीसी जातियों के 40 फ़ीसदी वोटरों ने भाजपा को वोट किया था। ऐसे में जाति जनगणना के मुद्दे पर I.N.D.I.A ओबीसी में सेंध लगा सकते हैं।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि बिहार सरकार के जाति जनगणना की रिपोर्ट का स्वागत और कांग्रेस शासित कर्नाटक जैसे अन्य राज्यों में इस तरह की पहले के सर्वेक्षणों को याद करते हुए कांग्रेस जाति जनगणना की मांग करती है। यूपीए–2 सरकार ने जनगणना को पूरा कर लिया था पर मोदी सरकार ने आंकड़े जारी नहीं किए। सामाजिक न्याय के लिए जाति जनगणना बेहद जरूरी है।


इसी बीच पक्ष और विपक्ष पार्टियों में सियासत शुरू हो गई है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगदलपुर में विशाल रैली को संबोधित करने के दौरान उन्होंने जमकर कांग्रेस पर निशाना साधा और जातिगत जनगणना को लेकर विरोधी पार्टियों को घेरा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कल से कांग्रेस ने एक नया राग गाना शुरू कर दिया हैं। जब कांग्रेस कह रही है कि जितनी आबादी, उसका उतना हक। पीएम ने कहा मैं कहता हूं इस देश में अगर सबसे बड़ी कोई आबादी है, तो गरीब की है इसलिए गरीब कल्याण ही हमारा मकसद है।






























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