My Blog List

Wednesday, October 4, 2023

क्या रोहिणी आयोग की जातिवाद जनगणना रिपोर्ट,भाजपा के लिए एक चुनौती बनेगी?


  संवाददाता - रोहिणी राजपूत














"बिहार जातिवादी जनगणना सर्वे की रिपोर्ट के साथ-साथ रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की संभावना भी बढ़ गई है। कुछ पार्टी समर्थकों का मानना है कि भाजपा इसे विपक्ष के 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिसदारी' के नैरेटिव का मुकाबला करने के लिए उपयोग कर सकती है।"


*क्या हैं रोहिणी आयोग?*


"रोहिणी आयोग" का गठन अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए बनाया गया था जिसमें चार सदस्य थे। यह आयोग उनकी जांच करता था कि कैसे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को विभिन्न उप-वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है। इसका अध्यक्ष जी. रोहिणी थे, जो दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश थे। इस आयोग की स्थापना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 340 के अनुसार की गई थी।"












*आयोग का उद्देश्य क्या था?*


यह आयोग जांचता था कि ओबीसी जातियों के बीच आरक्षण के लाभों का न्यायिक वितरण कैसे किया जा सकता है। इसके साथ ही, इस आयोग को ओबीसी के उप-वर्गों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से काम करने की भी जिम्मेदारी दी गई थी, जो मानदंडों और मापदंडों पर आधारित था। इसके अलावा, यह आयोग ओबीसी की केंद्रीय सूची में कई प्रविष्टियों का अध्ययन करता था और उनमें दिख रही गलतियों के सुधार की सिफारिश करता था।"


*इसकी रिपोर्ट का क्या हुआ?*


आयोग की शुरुआत 11 अक्टूबर 2017 को हुई थी, जिसे न्यायाधीश (सेवानिवृत) जी. रोहिणी ने अध्यक्षता की। उसने सभी राज्यों, संघ शासित क्षेत्रों और पिछड़ा वर्ग आयोगों के साथ ओबीसी की उप-श्रेणीकरण पर चर्चा की। आयोग ने कार्यकाल की मांग की थी कि यह 31 जुलाई 2020 तक बढ़ा दिया जाए, लेकिन कोविड-19 के कारण लॉकडाउन और यात्रा पर रोक लगने के बाद, आयोग ने अपने काम को पूरा करने में समस्याएं आईं। इसलिए, आयोग के कार्यकाल को 14 बार बढ़ा दिया गया। आखिरकार, रोहिणी आयोग ने 31 जुलाई 2023 को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी। लेकिन अभी तक रिपोर्ट की सुधारों और सिफारिशों को सार्वजनिक नहीं किया गया है।"


*रिपोर्ट लागू होने से किसे लाभ होगा?*


रोहिणी आयोग की रिपोर्ट से उन लोगों को फायदा होगा जो सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) में आते हैं, क्योंकि यह रिपोर्ट उनकी समृद्धि में मदद करेगी। अभी तक, केंद्र सरकार की ओबीसी आरक्षण योजना से केंद्र सरकारी पदों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए उन्हें सही लाभ नहीं मिला था। अब आसमान पर उठे ऐसे समुदायों को भी इस योजना का लाभ मिलने की संभावना है।जब रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी गई है, तो अगला कदम क्या होगा?
आयोग की रिपोर्ट आने के बाद, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय देखेगा कि कैसे सभी ओबीसी वर्गों के लोगों के बीच केंद्र सरकार की नौकरियों और संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण का योगिक वितरण किया जा सकता है।"















*रिपोर्ट कब लागू होगी और इसका 2024 के लोकसभा चुनावों पर क्या असर हो सकता है?*


बिहार में जाति जनगणना सर्वे की रिपोर्ट सोमवार को जारी की गई। साथ ही, रोहिणी आयोग की रिपोर्ट लागू करने की संभावना बढ़ गई है। बातचीत है कि सरकार रोहिणी आयोग की सिफारिशों को लागू कर सकती है। कुछ लोगों का मानना है कि यह 2024 के लोकसभा चुनावों में बड़ा बदलाव ला सकता है। भाजपा इसे विपक्ष के 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिसदारी' के नारेटिव का मुकाबला करने के लिए उपयोग कर सकती है और ओबीसी वर्ग की अति पिछड़ी जातियों के बीच अपने समर्थन को और मजबूत कर सकती है।


कुछ रणनीतिकारों का विचार है कि जाति जनगणना से ऐसी जानकारी मिल सकती है जिससे भाजपा को कई मुश्किलें आ सकती हैं। यह न केवल जातिगत जनगणना की मांग को बढ़ावा देगा बल्कि विपक्ष के नरेटिव को भी कमजोर करेगा।"














No comments:

वीर सावरकर की वीरगाथाः काले पानी की सजा से लेकर स्वतंत्रता के संघर्ष तक

 संवाददाता - रोहिणी राजपूत वीर सावरकर, जिनका पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर था, भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, लेखक, और समाज सुधारक थे। उनका...